शोध-सार :             साहित्य मानव जीवन के गत्यात्मक सौन्दर्य की भावात्मक अभिव्यक्ति है। अतः यह निर्विवाद है कि साहित्य और मानव जीवन का परस्पर संबंध

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शोध-सार:             यह आलेख भाषा संस्कृति और अस्मिता के दायरे में इसके भविष्य को समझने की कोशिश है । हिन्दी भाषा की अपनी एक संस्कृति

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शोध–सार :             भारतीय समाज की संरचना में कृषक-जीवन और संस्कृति एक महत्वपूर्ण घटक है । किसान के बिना भारतीय समाज की मुकम्मल तस्वीर पेश

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शोध-सार : ‘करवट’ और ‘ढाई घर’ उपन्यास में जो कालखण्ड लिया गया है, वह भारत में अंग्रेजों के शासन का काल है । ‘करवट’ में

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शोध-सार: कामाख्या शक्ति पीठ की प्रसिद्धि समूचे भारतवर्ष में व्याप्त है । कामाख्या की उत्पत्ति के संदर्भ में विद्वानों में मतभेद पाये जाते हैं ।

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शोध-सार :    भारतीय सभ्यता-संस्कृति, साहित्य तथा धर्म ग्रंथों में राम एक ऐसे पात्र हैं, जो हमेशा से ही मानव जीवन के निकट रहे हैं

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शोध-सार :           जनजातीय कला और संस्कृति आत्माभिव्यक्ति का परिचायक होती है। उनकी इस अभिव्यक्ति का सामाजिक महत्व होता है। उनके विचार स्व निर्मित होते

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शोध–सार :           हिंदी साहित्य में कबीरदास का प्रमुख स्थान है । वे एक ऐसे संत हैं, जिन्होंने भक्तिकालीन संत साहित्य को एक नया आयाम

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शोध-सार:             कालनिरपेक्ष पुरा-कथाएँ लगभग प्रत्येक समाज-जीवन की लोक परंपरा की अन्यतम नींव होती हैं। बदलते समय के साथ इन पुरा-कथाओं की प्रासंगिकता कभी कम

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