13. प्रेमचंद की पत्रकारिता और दलितोद्धार का प्रश्न ✍ अहमद रजा

शोधसार :

            प्रेमचंद ने जिस प्रकार अपने साहित्य में दलितों को स्थान देकर उनकी समस्याओं को उजागर किया है, उसी प्रकार अपनी पत्रकारिता में भी किया है। प्रेमचंद गरीबों और पीड़ितों की आवाज़ थे। शोषितों का उद्धार करना ही उनकी लेखनी का मुख्य उद्देश्य था। प्रेमचंद चूंकि गांधीजी की विचारधारा से बहुत प्रभावित थे, इसीलिए उन्होंने अम्बेडकर की दलित संबंधी विचारधारा का समर्थन न कर अपनी पत्रकारिता के द्वारा  गांधीजी का समर्थन किया है। भारतीय स्वाधीनता आंदोलन को घर-घर पहुंचाने और लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए ही वे साहित्य से पत्रकारिता के क्षेत्र में आते हैं। पत्रकारिता जनमत निर्माण में साहित्य की अपेक्षा अधिक प्रभावशाली भूमिका का निर्वहन करती है। इसी जनमत को संगठित करने के लिए प्रेमचंद पत्रकारिता का सहारा लेते हैं।

बीज शब्द : दलित, हरिजन, अंबेडकर, महात्मा गांधी, पत्रकार प्रेमचंद, ब्राह्मण, पृथक निर्वाचन

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