7. खासी समाज : मातृसत्तात्मक या मातृवंशीय ? ✍ बेबी विश्वकर्मा

सत्ता की राजनीति जटिल है और इसका इतिहास उतना ही पुराना है जितना कि समाज का।  समाज में व्यवस्था कायम रखने के लिए हो या फिर वर्चस्व की स्थापना के लिए, सत्ता की नीतियाँ रची जाती हैं और ये नीतियाँ एक वर्ग द्वारा दूसरे वर्ग के नियंत्रण के आधार बनती हैं। लैंगिक परिप्रेक्ष्य में सत्ता की इस राजनीति ने स्त्री और पुरुष को दो वर्गों में बाँट दिया तथा पारंपरिक रूप से लैंगिक भूमिकाएँ तय कर दी गईं।  हमारे देश की सामाजिक-सांस्कृतिक व्यवस्था मूलतः पितृसत्तात्मक है। परंतु भारत के उत्तर-पूर्व क्षेत्र के मेघालय में खासी जनजाति की महिलाओं को कुछ विशेष अधिकार प्राप्त हैं। लेकिन क्या खासी समाज वास्तव में मातृसत्तात्मक है ? इसका विश्लेषण प्रस्तुत करना इस शोधालेख का उद्देश्य है।  

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *