5. भारतीय जन-आंदोलन और समकालीन हिंदी और मणिपुरी कविताओं में इसका प्रभाव ✍ डॉ. एन. प्रियोबती देवी

भारतीय साहित्य का भंडार समृद्ध है और इस समृद्धि का कारण भारत की विविध भाषाओं का साहित्य है। संस्कृत साहित्य की नींव पर भारत की अनेक भाषाओं के साहित्य का विकास हुआ है। प्राचीन काल से लेकर वर्तमान समय तक इन भारतीय भाषाओं में निरंतर साहित्य का निर्माण हो रहा है। हिंदी और मणिपुरी भारतवर्ष की भाषाएँ हैं। जहाँ हिंदी भारत के अनेक प्रदेशों की भाषा है, वहीं मणिपुरी मणिपुर की भाषा है। हिंदी और मणिपुरी-इन दोनों भाषाओं में समकालीन उत्कृष्ट कोटि की कविताएँ मिलती हैं। समकालीन कवि युगीन यथार्थों के आधार पर अनेक कविताओं की रचना कर रहे हैं। इन कविताओं में जन-आंदोलनों का चित्रण मिलता है। भारत के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक आदि विविध पहलुओं के केंद्र में जो जन-आंदोलन हुए, उन आंदोलनों ने इन कवियों को प्रभावित किया और यह प्रभाव उनकी कविताओं में अभिव्यक्त हुआ।

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